चिकनगुनिया के घरेलू उपाय - Chikungunya ka gharelu upay

 दोस्तो बुखार होना आज के समय आम बात हो गई ही है लेकिन वही में बुखार अगर चिकनगुनिया हो जाय तो तकलीफ बड़ सकती है तो आज हम आप को चिकनगुनिया के घरेलू उपाय - Chikungunya ka gharelu upay के बारे में बताऊंगा।


चिकनगुनिया के घरेलू उपाय - Chikungunya ka gharelu upay 

चिकनगुनिया बुखार (Chikungunya) एक वायरस बुखार है जो एडीज मच्छर एइजिप्टी के काटने के कारण होता है। चिकनगुनिया और डेंगू के लक्षण लगभग एक समान होते हैं। इस बुखार का नाम चिकनगुनिया स्वाहिली भाषा से लिया गया है, जिसका अर्थ है ऐसा जो मुड़ जाता है और यह रोग से होने वाले जोड़ों के दर्द के लक्षणों के परिणामस्वरूप रोगी के झुके हुए शरीर को देखते हुए प्रचलित हुआ है।


चिकनगुनिया के लक्षण (Symptoms of Chikungunya)

 चिकनगुनिया में जोड़ों के दर्द के साथ साथ बुखार आता है और त्वचा खुश्क हो जाती है। चिकनगुनिया सीधे मनुष्य से मनुष्य में नहीं फैलता है। यह बुखार एक संक्रमित व्यक्ति को एडीज मच्छर के काटने के बाद स्वस्थ व्यक्ति को काटने से फैलता है। चिकनगुनिया से पीड़ित गर्भवती महिला को अपने बच्चे को रोग देने का जोखिम होता है।


कारण :

• मच्छरों का पनपना।

• रहने के स्थान के आसपास गंदगी होना।

• पानी का जमाव।

लक्षण :

• उल्टी होना

• एक से तीन दिन तक बुखार के साथ जोड़ों में दर्द और सूजन होना

• कंपकपी और ठंड के साथ बुखार का अचानक बढ़ना

• सरदर्द होना

आयुर्वेदिक उपचार :



चिकुनगुनिया में जोड़ों में दर्द (joint pain), सिर दर्द (headache), उल्टी (vomit) और जी मिचलाने (nausea) के लक्षण उभर सकते हैं जबकि कुछ लोगों में मसूड़ों और नाक से खून (blood from gums and nose) भी आ जाता है। मच्छर काटने के लगभग बारह दिन में चिकुनगुनिया के लक्षण उभरते हैं। चिकुनगुनिया के उपचार के लिए बहुत से घरेलू नुस्खे हैं जिन्हें अपनाकर चिकुनगुनिया से खुद को बचाया जा सकता है।

पपीते की पत्ती (Papaya leaf)


Credit: Helathline 

पपीते की पत्ती न केवल डेंगू बल्कि चिकुनगुनिया में भी उतनी ही प्रभावी है। बुखार में शरीर के प्लेटलेट्स (platelates) तेजी से गिरते हैं, जिन्हें पपीते की पत्तियां तेजी से बढ़ाती हैं। मात्र तीन घंटे में पपीते की पत्तियां शरीर में रक्त के प्लेटलेट्स को बढ़ा देती हैं। उपचार के लिए पपीते की पत्तियों से डंठल को अलग करें और केवल पत्ती को पीसकर उसका जूस निकाल लें। दो चम्मच जूस दिन में तीन बार लें। ...

तुलसी और अजवायन (Tulsi aur ajwain)


Credit: onlymyhelath

तुलसी और अजवायन भी चिकुनगुनिया के उपचार के लिए बेहद अच्छी घरेलू औषधि हैं। उपचार के लिए अजवायन, किशमिश, तुलसी और नीम की सूखी पत्तियां लेकर एक गिलास पानी में उबाल लें। इस पेय को बिना छानें दिन में तीन बार पीएं।

लहसुन और सजवायन की फली (Garlic and drum stick)


Credit: Heltahshot

लहसुन और सजवायन की फली चिकुनगुनिया के इलाज के लिए बहुत बढ़िया है। चिकुनगुनिया में जोड़ों में काफी दर्द होता है, ऐसे में शरीर की मालिश किया जाना बेहद जरूरी है। इसके लिए किसी भी तेल में हसुन और सजवायन की फली मिलाकर तेल गरम करें और इस तेल से रोगी की मालिश करें।

लौंग (Laung or clove)

दर्द वाले जोड़ों पर लहसुन को पीसकर उसमें लौंग का तेल मिलाकर, कपड़े की सहायता से जोड़ों पर बांध दें। इससे भी चिकुनगुनिया के मरीजों को जोड़ों के दर्द से आराम मिलेगा, और शरीर का तापमान (body temprature) भी नियंत्रित होगा।

 एप्सम नमक (एप्सम नमक)

एप्सम साल्ट की कुछ मात्रा गरम पानी में डालकर उस पानी से नहाएं। इस पानी में नीम की पत्तियां भी मिलाएं। ऐसा करने से भी दर्द से राहत मिलेगी और तापमान नियंत्रित होगा।

 अंगूर (Grapes)

अंगूर को गाय के गुनगुने दूध के साथ लेने पर चिकुनगुनिया के वायरस मरते हैं लेकिन ध्यान रहे अंगूर बीजरहित हों।

गाजर (Carrot)

कच्ची गाजर खाना भी चिकुनगुनिया के उपचार में बेहद फायदेमंद है। यह रोगी की प्रतिरोधक क्षमता (immunity power) को बढ़ाती है साथ ही जोड़ों के दर्द से भी राहत देती है।

बचाव :

चिकनगुनिया का प्राथमिक उपचार (Treatment of Chikungunya)


• अधिक से अधिक पानी पीएं, हो सके तो गुनगुना पानी पीएं।

• ज्यादा से ज्यादा आराम करें।

• चिकनगुनिया के दौरान जोड़ों में बहुत दर्द होता है जिसके लिए डॉक्टर की सलाह पर दर्द निवारक (Pain Killer) लें।

• दूध से बने उत्पाद, दूध-दही या अन्य चीजों का सेवन करें।

• रोगी को नीम के पत्तों को पीस कर उसका रस निकालकर दें।

• रोगी के कपड़ों एवं उसके बिस्तर की साफ-सफाई पर खास ध्यान दे।

करेला व पपीता अधिक से अधिक खाएं।


चिकनगुनिया में बच्चों की देखभाल (Chikungunya in Children)

• बच्चों का खास ख्याल रखें।

• बच्चे नाजुक होते हैं और उनका इम्यून सिस्टम कमजोर होता है इसलिए बीमारी उन्हें जल्दी पकड़ लेती है। ऐसे में उनकी बीमारी को नजरअंदाज न करें। ...

• बच्चे खुले में ज्यादा रहते हैं इसलिए इन्फेक्शन होने और मच्छरों से काटे जाने का खतरा उनमें ज्यादा होता है।

• बच्चों घर से बाहर पूरे कपड़े पहनाकर भेजें। मच्छरों के मौसम में बच्चों को निकर व टी शर्ट न पहनाएं। रात में मच्छर भगाने की क्रीम लगाएं।

• अगर बच्चा बहुत ज्यादा रो रहा हो, लगातार सोए जा रहा हो, बेचैन हो, उसे तेज बुखार हो, शरीर पर रैशेज हों, उलटी हो या इनमें से कोई भी लक्षण हो तो फौरन डॉक्टर को दिखाएं।

• आमतौर पर छोटे बच्चों को बुखार होने पर उनके हाथ - पांव तो ठंडे रहते हैं लेकिन माथा और पेट गर्म रहते हैं इसलिए उनके पेट को छूकर और रेक्टल टेम्प्रेचर लेकर उनका बुखार चेक किया जाता है। बगल से तापमान लेना सही तरीका नहीं है, खासकर बच्चों में। अगर बगल से तापमान लेना ही है तो जो रीडिंग आए, उसमें 1 डिग्री जोड़ दें। उसे ही सही रीडिंग माना जाएगा।

Conclusion:

दोस्तो आज के इस लेख में हमने आपको चिकनगुनिया के घरेलू उपाय - Chikungunya ka gharelu upay  ke बारे में बताया हे तो आपको यह जानकारी अच्छी लगी हो तो अपने दोस्तो के साथ शेयर जरूर करें।


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