DVD Full Form In Hindi | CD Full Form In Hindi
आज हम आपको DVD के फुल फॉर्म के बारे में बताएंगे।
नामस्कार दोस्तो, आज आपको इस आर्टिकल की मदद से जानेंगे की DVD का फुल फॉर्म क्या होता हे ओर dvd में हम कितने gb तक डाटा ओर वीडियो स्टोर कर सकते हे।ओर भी dvd से जुड़ी जानकारी बताएंगे।तो बने रहे हमारे इस लेख पर आपको dvd से जुड़ी जानकारी मिल जाएगी।
DVD केसे बनती है
तीन कंपोनेंट मिलकर डीवीडी बनाते हैं।
डीवीडी के नीचे प्लास्टिक का बेस ओर उस तरफ आपको लेबल लिखे हुए मिलते हे।ओर दूसरी तरफ एल्युमिनियम की फिल्म लगी होती है उस तरफ साइनी पार्ट होता है। ओर उसके ऊपर एक प्लास्टिक की कोटिंग होती है जिससे अंदर के डाटा को नुकसान न हो।
DVD काम केसे करता है?
DVD जो प्लास्टिक का बेस होता हे वहा पर हम लेजर की मदद से aching करते हे मतलब जहा पर ग्रूफ बनाते ओर जहा पर ग्रूफ नहीं बनाते तो जहा पर हमने जो ग्रुफ बनाया वो पार्ट नीचे दब जाता है ओर जहा पर नहीं बनाया वो भाग ऊपर रहता है तो ऐसे में तो हमारे पास एनालॉग डाटा हे तो हमने हाई सैंपल रेट के थ्रू उस एनालॉग डाटा को कन्वर्ट किया ओर उसे हम कहते हे 44KH पे इसे हम कहते है DVD क्वालिटी म्यूजिक। आप लोगो ने कही ने कही कंप्यूटर पर 0111011 ऐसे कोड देखे होगे तो हमारे पास जो कंप्यूटर पर या लैपटॉप पर जब हम CD या DVD लगाते हे तो उसमे एक लेजर निकलती है वो लेजर सीधे DVD पर जाती है। ओर इसके जरिए हम फोटो, वीडियो ओर म्यूजिक देख पाते हैं।
DVD Full Form In Hindi
DVD का Full Form "Digital Video Disc" होता है।
ओर DVD फुल फॉर्म हिंदी में "अंकिय चित्रित चक्रिका" होता है।DVD (Digital Video Disc) का उपयोग डाटा स्टोर करने के लिए होता है। DVD में आपको 4.7 गीगाबाइट डेटा स्टोर कर सकते हे।
DVD Player क्या है?
DVD Player एक इलेक्ट्रिक उपकरण होता है। अगर हम लोगो को CD या DVD जिसे हम केसट भी कहते हे। तो चलाना है तो हमे DVD Player की जरूरत पड़ेगी। DVD Player की मदद से हम जो हमारी CD या DVD है उसमे जो डाटा है उसे हम टीवी, लैपटॉप की मदद से देख सकते है।
हालाकि पहले के समय में dvd player का इस्तेमाल ज्यादा होता था। क्योंकि तब टेक्नोलॉजी इतनी ज्यादा नहीं थी। तब के समय में लोग dvd player में cd लगाकर उसमे पिक्चर ओर वीडियो देखते थे। हाल के इस समय में dvd player का इस्तेमाल कम हो गया है क्योंकि आज टेक्नोलॉजी आगे बढ़ गई हे ओर अभी समय में जो टीवी ओर लैपटॉप में हम लोग cd को लगाकर उसमे जो डाटा हे वो देख सकते है।
DVD के फायदे क्या क्या है?
DVD में हम CD के मुकाबले ज्यादा डाटा स्टोर कर सकते हे।
CD के मुकाबले DVD काफी अच्छा है क्योंकि इसमें हम CD के मुकाबले 6 गुना ज्यादा डाटा स्टोर कर सकते है।
DVD CD के मुकाबले 20 गुना ज्यादा पॉवर फुल होता है।
DVD का इस्तेमाल क्या है?
आम तौर पर हम लोग dvd का इस्तेमाल फोटो,वीडियो ओर डॉक्यूमेंट को स्टोर करने के लिए करते हे। डीवीडी में हम लोग haigh क्वालिटी की फोटो ओर वीडियो को स्टोर कर सकते हे। ओर हम डीवीडी में जब चाहे उसमें डाटा स्टोर कर सकते हे ओर जब चाहे तब डिलीट कर सकते हे। CD में हमे सिर्फ 700mb का स्टोरेज ही मिलता है।इसलिए ज्यादा तर लोग डीवीडी लेना ही पसंद करते हे।
डीवीडी का अविष्कार किसने ओर कब किया?
डीवीडी का अविष्कार साल 1985 में sony ओर Philips के द्वारा dvd की खोज की थी।
CD Full Form
सीडी फुल फॉर्म CD Full Form In Hindi
सीडी का फुल फॉर्म कॉम्पैक्ट डिस्क(compect Disc) होता है।
CD किस से बना होता है।
CD disc पॉलिकार्बोनेट (प्लास्टिक) का बना होता है। सीडी में अपने जो केयर बनी होती है वो डेलेक्टिक मैटीरियल बना होता है।
सीडी में कितनी लेयर आती हे?
CD disc में पाच लेयर आती हैं।
1.प्रोटेक्रिव लेयर
2.Reflective layer
3.dielectric layer
4.Recording layer
5. Pregroove
6.protective layer
सीडी क्या है? What is CD?
CD disc में आप कोई भी डाटा पढ़ सकते हे लिख भी सकते है। कॉम्पैक्ट डिस्क एक प्रकार का ऑप्टिकल डिवाइस होता है।जो कंप्यूटर सेकेंडरी मेमोरी का उपयोग करता है।एक CD पोर्टेबल स्टोरेज माध्यम है जिसका उपयोग ऑडियो, वीडियो ओर अन्य डाटा को डिजिटल रूप में रिकॉर्ड करने, स्टोर करने ओर प्लेबैक करने के लिए किया जाता है। सीडी जो गोल डिस्क की तरह दिखती है,ओर अन्य CD जो होती है वह 12cm बड़ी ओर उसकी साईज 1.5 cm होती है।
सीडी का इतिहास History Of CD
सर्वप्रथम CD का अविष्कार सन 1060 में अमेरिका के भौतिक विज्ञानी जेम्स रसेल ने किया था। ओर सीडी(कॉपेक्ट डिस्क) को 1980 में फिलिप्स ओर सोनी (phillis and Sony) द्वारा पेश किया गया था।ओर 1982 में रिलीज किया गया था।
CD के प्रकार Tipes Of CD
CD के तीन प्रकार है
1. (CD Read Only Memory)(CD-ROM)ऑडियो कॉम्पैक्ट डिस्क
2. (CD-R) (compact Disc Recordable) कॉम्पैक्ट डिस्क रिकॉर्ड
3.(CD-RW) (CD - Rewritable) रिराइटेबल
आइए इनके बारे में विस्तार से जानते है।
1.CD-R
इस प्रकार की कॉम्पैक्ट डिस्क पर एक ही बार लिखा जाता है।ओर उन्हे वापस डिलेट नहीं किया जा सकता।इनकी स्टेरेज क्षमता 700-800 Mb होती हैं। इसे आमतौर पर एक बार सेव किया जाता है, लेकिन मल्टी सेसन की सुविधा की मदद से इसे एक से अधिक बार लिखा और मिटाया जा सकता है। जब तब की इसका स्टारेज फुल ना हो जाए।
2. CD-ROM
इस डिस्क को पड़ने के बाद एक बार पढ़ा जाता है इसे रोम के रूप में उपयोग किया जाता है। इसे बाद में अपडेट नहीं किया जा सकता है।
3.CD-RW
कॉमेक्ट डिक्स के प्रकार में कई बार लिखा जा सकता है ओर मिटाया भी जा सकता है। पेनड्राइव की तरह। पढ़ने या लिखने के लिए CD - RW ड्राइव या ईडी राइटर की जरूरत होती हैं। इसका प्रयोग ऑडियो, वीडियो या कोई डाटा फाइल लिखने के लिए भी किया जा सकता है।
सीडी के लाभ Benifits Of CD
इसे असानिसे संकलित किया जा सकता है।
ये डिस्क में डाटा बर्न करने के लिए लेजर का उपयोग करता है ताकि डेटा में कोई शोर न हो।
सीडी रेंडम देता एक्सेस प्रदान करती है।
सीडी लंबे समय तक टिकाऊ होती है।
सीडी के नुकसान Disadvantage Of CD
- CD में खरोचने के के निशान जल्द ही आ जाते है।
- सीडी में स्टोरेज की क्षमता कम होती है।
- सीडी पर पड़ने लिखने की गति धीमी होती है।
- सीडी को बर्न करने के लिए हमे सॉफ्टवेयर की जरूरत होती है।इस लिए बर्न करना इतना आसान नहीं है।
- सीडी काफी नरम होती है इस पर थोड़ा सा वजन आने पर यह टूट जाती है।
इस आर्टिकल पर हमे आपको CD ओर DVD की पूरी जानकारी दी है अगर आपको यह लेख पर कमी लग रही है तो हमे कमेंट करके जरूर बताएं।आपको यह आर्टिकल पढ़ कर अच्छा लगा हो तो अपने दोस्तों को शेर जरूर करे।
"धन्यवाद"
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