WWW,http vs https,ip address,URL, client & server जाने पूरी जानकारी।

WWW,http vs https,URL,ip address, client server इन सभी के बारे में आपने कही ने कही सुना तो होगा। तो आज हम आपको बताएंगे की इनका यूज़ केसे ओर कब होता है। तो आइए इनके बारे में विस्तार से जानते है। 

 WWW

वेबसाइट को ओपन करते हो किसी भी लिंक पर क्लिक करते हो तो जैसी वेबसाइट ओपन करता है तो उसके यूआरएल पर ध्यान देना पर ऊपर की साइड में वहां पर आपको डब्ल्यू डब्ल्यू डब्ल्यू डब्ल्यू लिखा हुआ जरूर दिखाई देगा world wide web information system होता हे। इसे डिटेल समझे तो यह एक इनफार्मेशन सिस्टम होता है या फिर कह लो कलेक्शन ऑफ डाटा होता है जहां पर कई सारे फोटोस वीडियोस डॉक्यूमेंट इन सभी का जो लिंक है वह बेसिक लिस्ट और देता है यह किलो सेब रहता है जिसे एक लेख के माध्यम से एक्सेस कर पाते है। Examepel के लिए मान लीजिए की यह एक इंटरनेट है अब इस इंटरनेट में हजारों लाखों करोड़ों वेबसाइट है तभी वेबसाइट में बहुत सारे फोटोस अरे फोटो से वीडियो से कोंटेक्ट एक टेक्स्ट फाइल से डॉक्यूमेंट से सारे डाक्यूमेंट्स फाइल फोटोस वीडियो से ही सभी अपने अपने सर्वर पर जहां पर भी इनका सरवर है वहां पर स्टोर रहता है इन सभी चीजों की इंफॉर्मेशन है मतलब इसे कैसे एक्सेस करना है इसका यह सारा का सारा डिटेल से वह भी ऑनलाइन WWW यानी की वर्ड वाइब वेब में स्टोर रहता है और इससे एक्सेस करने के लिए बेसिकली एक एड्रेस की जरूरत होती है जिससे हम यूआरएल कहते हैं तो यहां पर सिंपल से मतलब है कि आप इंटरनेट में जो भी वेबसाइट ओपन करते हो किसी भी लिंक पर क्लिक करते हो कोई भी फाइल डाउनलोड करते हो कोई भी वीडियो देखते हो आर्टिकल पढ़ते हो किसी भी वेबसाइट को ओपन करते हो उसका एक स्पेसिफिक्स यूआरएल होता है एक एड्रेस होता है जिसे हम यूआरएल का फुल फॉर्म uniform resource locator जैसे के आपको नाम से ही पता चल रहा है कि uniform resource locator  यानी की रिसोर्स को लॉकेट करना ढूंढ कर। इंफॉर्मेशन होती है अब ये जो सारी स्टोर होती है यहां पर वर्ल्ड वाइड वेब में । 

 Http vs https

किसी भी साइट  एक्सेस करते हो तो वहां पर आपको दो चीजें और देखने को मिलेगी एक है एचटीटीपी और दूसरा है एचटीटीपीएस क्या हैएचटीटीपी और एचटीटीपीएस क्या है इन दोनों में क्या डिफरेंस है http का का फुल फॉर्म होता है हाई पर टेक्स्ट ट्रांसफर प्रोटोकोल से क्या आपको नाम से ही पता चल रहा है ट्रांसफर प्रोटोकॉल ट्रांसफर का सिंपल मतलब बताइए इंटरनेट की दुनिया में फाइल को एक जगह से दूसरी जगह भेजना जहां पर प्रोटोकॉल का मतलब होता है सेटोपटूल आपको नाम से पता चल गया उनकी डेफिनिशन ही पता चल गई है सिंपल फंडा यह है कि इंटरनेट की दुनिया में टेक्स्ट फाइल भेजते हो एक जगह से दूसरी जगह या फिर आप एक कंप्यूटर की फाइल को दूसरे कंप्यूटर सेंड करते हो तो यहां पर जो फाइल है ट्रांसफर हो रहा है एक जगह से दूसरी जगह तो इसके लिए मैं शेड्यूल बना जाता है इंटरनेट में देख पा रहे हो तो है आपके पास कैसे पहुंचे कैसे आप उसे एक्सेस कर सकते हो उसके लिए इंटरनेट रोल बनाने का एक नियम बनाया क्या है ओर इसिके माध्यम से आप एक्सेस कर पाते हो ई फाइल का ट्रांसफर होता है एक जगह से दूसरी जगह पर फिर से 10 के बीच में सर्वर से ब्राउज़र के बीच में यह सारा सारा एक रूल को फॉलो करता है तभी इंटरनेट काम कर पाता है अभी-अभी आपने इंटरनेट की दुनिया में एक ऑनलाइन फॉर्म भरा और उस पर कुछ डिटेल डाली अपने फॉर्म भर के उसे सबमिट कर दें और वह जो सारा डाटा है वह बेसिकली आपने सर्व भेज दिया तो यहां पर आपको जो डाटा है एक जगह से दूसरी जगह जा रहा है। मान लीजिए कोई हैकर बैठा पड़ा कोई थर्ड पार्टी पर बैठा पड़ा डाटा चुरा ले confidential data of PAN card। मानलो या फिर आधार कार्ड हेलो सर आपके बैंक डीटेल्स फॉर लूप कॉन्फिडेंशियल्टी होती है तो वह जो डाटा है वह एक जगह से दूसरी जगह तो ट्रांसफर हो रहा है नहीं है अगर वह http में ट्रांसफर हो रहा है इसी चीज को सिक्योर करने के लिए पूरी तरह से इंक्रिप्टेड करने के लिए यहां पर बेसिकली एचटीटीपीएस का इस्तेमाल किया जाता है जिसका फुल फॉर्म होता है हाइपरटक्स्ट ट्रांसफर प्रोटोकोल सिक्योर मतलब आप जो पीजीटी ट्रांसफर कर रहे हो वह पूरी तरह से सिक्योर है इंक्रिप्टेड है वह किस  उस डाटा को कोई भी थर्ड पार्टी पसंद है फिर बीच से आकर चुरा नहीं सकता आप यहां से ट्रांसफर कर रहे हो एक जगह से ऐसे तो सीधा सरवर के पास ही जाएगा उसे मिस पर कोई भी खोलने की कोशिश करेगा तोड़ने की कोशिश करेगा तो वह पॉसिबल नहीं है मतलब आपका जो भी देता है एक जगह से दूसरी जगह आप भेज रहे हो वह पूरी तरह से सिक्योर होगा एनक्रिप्टेड होगा बीट से कोई भी हा कर या फिर third-person उसे चुरा नहीं सकता इस लिए आपने नोटिस किया होगा किसी भी वेबसाइट होते पेमेंट का काम होता है जहां पर भी आप अपने डेबिट कार्ड क्रेडिट कार्ड इनफार्मेशन डालकर ऑनलाइन पेमेंट करते हैं उन सभी के वेबसाइट में देखना वहां पर आपको 1 लोग दिखाई देगा चौक होगा और अगर उसके url ध्यान से देखोगे तो वहां पर आपको लिखा हुआ दिखाई देगा एचटीटीपीएस इसका मतलब है कि जो वेबसाइट है सिक्योर है वहां पर आप जो भी इंफॉर्मेशन शेयर करोगे वह इंफॉर्मेशन इंक्रिप्टेड होगी कोई भी 20 से उसे चुरा नहीं सकता लगता है । 

क्लाइंट और सर्वर 

Internet की दुनिया में अपने ये 2 वर्ड को भी बहुत बार सुना होगा लेकिन क्या जानता है इनका मतलब क्या होता है आपको इनको सिंपल और इजी तरीके से और बहुत ही छोटे एग्जांपल के माध्यम से समझाता हूं फुल से बनवा लीजिए यहां पर आप एक मोबाइल शॉप पर कह तो मोबाइल शॉप पर बहुत सारे फोन पड़े रहते हैं मोबाइल शॉप पर जाकर मोबाइल वाले से बोलते हो कि मेरे कोई मोबाइल दे दो यह मोबाइल दिखा दो सांप वाला होता है जिसका भी मोबाइल दुकान होता है वह आपको मोबाइल दिखा देता है तो यहां पर उस शॉप वाले के लिए फिर मोबाइल बेचने वाले के लिए आप क्या क्या लाओगे क्लाइंट बेसिकली आप सभी लोग क्या करते हो एक रिक्वेस्ट करते हो तो जो भी रिक्वेस्ट करता है वह भेज सकें क्लाइंट कहलाता है और उस रिक्वेस्ट को जो रिस्पॉन्स करता है उसे हम सर्वर कहते है।  

Ip address 

दुनिया में अपने आईपी एड्रेस के बारे में भी बहुत बार सुना होगा क्यों आईपीएस का फुल फॉर्म होता है इंटरनेट प्रोटोकोल ये एक प्रकार का एड्रेस होता है यूनिक नंबर होता है जो हर डिवाइस के लिएचाहे वह smartphone or computer , scanner , printer ,Wi-Fi हो जो भी इंटरनेट से कनेक्टेड टो इंटरनेट को एक्सेस करना चाह रहा उनके लिए एक एड्रेस होता है जिसे बेसिकली हम आईपी एड्रेस कहते है इसी एड्रेस से आपके इंटरनेट की दुनिया में पहचान होती है और आप इंटरनेट भी कुछ यूज़र होते है। internet की दुनिया में अपने फ्रॉड के बारे में तो जरूर सुना होगा। यहां पर शार्ट के बता अपने सुनावा किया इस कंप्यूटर से एक्सेस किया गया है उस कंप्यूटर से हमारे सर्वर को एक्सेस किया गया है किया गया तो उन्हें पता कैसे चल पाता है तो सारी चीजें बेसिकली एक आईपी एड्रेस यानी कि एक एड्रेस होता है यूनिक एड्रेस उसी के वजह से पता चलता है यहां पर प्रोटोकोल बनाया गया है क्या हर एक सिस्टम के लिए जो भी इंटरनेट को एक्सेस करेगा उनके लिए एक पब्लिक आईपी एड्रेस होने चाहिए इंटरनेट की दुनिया में और उसी एड्रेस की वजह से वह इंटरनेट को एक्सेस कर सकते हैं ताकि इन फ्यूचर मालिनी या फिर कोई भी फ्रॉड करने की कोशिश करता है इंटरनेट की दुनिया में या फिर किसी को भी आग करने की कोशिश करता है तो ऐसे में उसे ट्रैक किया जा सके पकड़ा जा सके उसकी लोकेशन पता किया जा सके हालांकि आईपी एड्रेस को बदलने के कई सारे तरीके हैं आप सभी लोगों को पता ही है सभी टाइप के होते हैं public ip,priwate ip, dynamic ip,static ip जैसे ip address है 

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